सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आधार अधिनियम पर एक बढ़ा फैसला सुनाया। अदालत ने कुछ बदलावों के साथ आधार को संवैधानिक रूप से वैध घोसित कर दिया। आधार मामले पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना आधार को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया है।
लेकिन कोर्ट ने बैंक खाते, मोबाइल फोन और स्कूल दाखिले में आधार अनिवार्य करने सहित कुछ प्रावधानों को रद्द कर दिया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में आधार को आयकर रिटर्न भरने और पैन कार्ड बनाने के लिए अनिवार्य बताया है। हालांकि अब आधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक करना जरूरी नहीं है और मोबाइल सिम का कनेक्शन देने के लिए टेलीकॉम कंपनियां आपसे आधार नहीं मांग सकती हैं।
पहले, भारत सरकार ने मोबाइल नंबरों और बैंकों जैसी कुछ सेवाओं के साथ आधार जोड़ने के लिए अनिवार्य बना दिया था। हालांकि, अदालत ने आधार तय करने के लिए समय सीमा बढ़ा दी थी जब तक कि वह फैसला नहीं देता। आज, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया और उसने आधार अधिनियम की धारा 57 को ख़तम कर दिया है जो निजी कंपनियों को आधार का उपयोग करने की अनुमति देता था।
How To Link Aadhar Card With Pan Card In Just 2 Minute In Hindi
सुप्रीम कोर्ट का फैसला तो आ गया है, मगर अब भी आम लोग इस कनफ्यूजन में है कि कहां पर आधार देना होगा और कहां पर नहीं। अगर आपके मन में भी आधार के इस्तेमाल को लेकर कई तरह के सवाल आ रहे हैं, तो आपको आपके हर सवाल का जवाब इसी पोस्ट में मिलने वाला हैं...
यहां उन सेवाओं की सूची दी गई है जिनके लिए आपको आधार की आवश्यकता नहीं होगी और जिनके लिए आपको अभी भी आधार की आवश्यकता होगी।
जहां इसकी आवश्यकता नहीं है
- सबसे पहले, मोबाइल नंबरों के साथ आधार जोड़ना अनिवार्य नहीं है।
- बैंकिंग सेवाओं के लिए आधार की आवश्यकता नहीं है। नया बैंक खाता खोलने के लिए भी आधार की आवश्यक नहीं है।
- सीबीएसई, एनईईटी, या यूजीसी द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा में उपस्थित होने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है।
- दूरसंचार कंपनियों और डिजिटल वॉलेट सहित निजी कंपनियां आधार डेटा नहीं मांग सकती हैं।
- स्कूल प्रवेश के लिए भी आधार की आवश्यकता नहीं है। साथ ही, जिन बच्चों के पास आधार नहीं है उन्हें किसी भी लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता है।
जहां इसकी आवश्यकता है
- पैन के साथ आधार जोड़ना अभी भी अनिवार्य है और स्थायी खाता संख्या आवंटित करने के लिए भी इसकी आवश्यकता है।
- आईटी रिटर्न दाखिल करने के लिए भी आधार अनिवार्य है।
- कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी जैसी सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए भी आधार आवश्यक है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने यह भी कहा कि बॉयोमीट्रिक डेटा अदालत की अनुमति के बिना किसी भी निजी एजेंसी के साथ साझा नहीं किया जाएगा। अदालत में कहा गया है कि आधार समाज के सभी वर्गों को अधिकार देता है और उन्हें एक पहचान देता है और केंद्र सरकार को जितनी जल्दी हो सके एक मजबूत डेटा संरक्षण कानून पेश करने के लिए कहा गया है।
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