जानिए आयुष्मान भारत योजना किया है , जो आपका 5 लाख रुपए तक का इलाज कराएगी
दोस्तों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर को झारखंड की राजधानी रांची के प्रभात तारा मैदान में आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लॉन्च की। सरकार का दावा है कि ये दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर योजना है, जिससे करीब 50 करोड़ लोगों को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए पांच लाख रुपए तक की मदद मिलेगी
25 सितंबर से ये योजना प्रभावी तौर पर लागू हो जाएगी। तो दोस्तों चलिए आपको विस्तार से बताते हैं की यह योजना किया है, और इससे किसे - किसे लाभ होगा और कहा इसका लाभ उठाया जा सकता है।
1 - आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना किया है
यह केंद्र सरकार की योजना है। आयुष्मान भारत के तहत सरकार देशभर में डेढ़ लाख प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ ऐंड वेलनेस सेंटर के तौर पर विकसित करेगी। ये जिला अस्पताल से डिजिटली लिंक होंगे। इन सेंटर्स पर जांच से लेकर इलाज और दवाई तक मुहैया कराई जाएगी। आयुष्मान भारत का एक अहम हिस्सा है प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, जिसके तहत देश के 10.74 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सालाना 5 लाख रुपए का कवर दिया जाएगा। यानी इन परिवारों में किसी भी सदस्य को इलाज की ज़रूरत पड़े, तो सरकार सालभर में 5 लाख रुपए तक का खर्च उठाएगी।
दोस्तों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर को झारखंड की राजधानी रांची के प्रभात तारा मैदान में आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लॉन्च की। सरकार का दावा है कि ये दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर योजना है, जिससे करीब 50 करोड़ लोगों को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए पांच लाख रुपए तक की मदद मिलेगी
25 सितंबर से ये योजना प्रभावी तौर पर लागू हो जाएगी। तो दोस्तों चलिए आपको विस्तार से बताते हैं की यह योजना किया है, और इससे किसे - किसे लाभ होगा और कहा इसका लाभ उठाया जा सकता है।
1 - आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना किया है
यह केंद्र सरकार की योजना है। आयुष्मान भारत के तहत सरकार देशभर में डेढ़ लाख प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ ऐंड वेलनेस सेंटर के तौर पर विकसित करेगी। ये जिला अस्पताल से डिजिटली लिंक होंगे। इन सेंटर्स पर जांच से लेकर इलाज और दवाई तक मुहैया कराई जाएगी। आयुष्मान भारत का एक अहम हिस्सा है प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, जिसके तहत देश के 10.74 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सालाना 5 लाख रुपए का कवर दिया जाएगा। यानी इन परिवारों में किसी भी सदस्य को इलाज की ज़रूरत पड़े, तो सरकार सालभर में 5 लाख रुपए तक का खर्च उठाएगी।
2 - सरकार के हिसाब से इस योजना की ज़रूरत क्यों है
नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत और आयुष्मान भारत के CEO डॉ. इंदु भूषण के मुताबिक भारत सरकार सालाना स्वास्थ्य पर अपनी GDP का 1.13% हिस्सा खर्च करती है, जो दूसरे विकासशील देशों से कम है। चीन अपनी GDP का 2.45% और थाईलैंड 2.90% स्वास्थ्य सेवाओं पर लगाता है। महंगे इलाज की वजह से भारत के करीब 66 लाख परिवार हर साल गरीब की श्रेणी में आ जाते हैं. 24.9% ग्रामीण और 18.2% शहरी उधार लेकर अपना इलाज कराते हैं। भारत के 17.3% लोग अपने बजट का 10% इलाज में खर्च करते हैं।
ये सरकार के आंकड़े हैं। सरकार के मुताबिक उन्हें ऐसी स्वास्थ्य योजना की ज़रूरत लगी, जिससे लोगों को इलाज कराने में आर्थिक मदद मिले. साथ ही, गरीबों को भी अमीरों जैसा इलाज मिल सके। केंद्र सरकार 2018-19 के बजट से इस योजना के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपए दे चुकी है। योजना के कुल खर्च में से 60% केंद्र सरकार लगाएगी और 40% राज्य सरकारों को खर्च करना होगा।
3 - इसके लिए सरकार ने क्या किया
सरकार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लाई। इसमें 10.34 करोड़ परिवारों यानी करीब 50 करोड़ लोगों को शामिल किया गया है। इन परिवारों में अगर किसी को कोई बीमारी होती है, किसी जांच की ज़रूरत है, ऑपरेशन की ज़रूरत है, दवाई की ज़रूरत है, अस्पताल में भर्ती करने की ज़रूरत है, तो उसे सरकार से 5 लाख रुपए तक की मदद मिलेगी। योजना के मुताबिक अस्पताल में भर्ती होने से तीन दिन पहले से लेकर 15 दिन बाद तक की दवाई और जांच का खर्च उठाया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति पहले से किसी बीमारी से पीड़ित है, तो उसे भी योजना का फायदा मिलेगा।
4 - किस - किस को मिलेगा इस योजना का फायदा
गरीब, वंचित ग्रामीण परिवारों और शहरी श्रमिक परिवारों को इस योजना का फायदा होगा। जनगणना के आंकड़ों के आधार पर अभी 8.03% ग्रामीण और 2.33% शहरी परिवारों को इसमें शामिल किया गया है। परिवारों का चयन जनगणना के आंकड़ों के आधार पर ही किया गया है। गांवों में 7 पैमानों पर लोग चुने गए हैं और शहरों में 11 पैमानों पर लोग चुने गए हैं। इन लोगों में कूड़ा बीनने वाले, भिखारी, घरेलू सहायक, रेहड़ी-पटरी वाले, मोची, फेरीवाले, मज़दूर, प्लंबर, राजमिस्त्री, पेन्टर, वेल्डर, सिक्यॉरिटी गार्ड, कुली और सफाईकर्मी शामिल हैं। जो लोग राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का फायदा उठा रहे हैं, वो भी इस नई योजना का फायदा उठा सकते हैं।
5 - कैसे पता करें कि हमारा नाम सरकार ने चुना है या नहीं
इस योजना में परिवार की सदस्यों की संख्या या उनकी उम्र की कोई बाध्यता नहीं है। 2011 की जनगणना में जो भी गरीब था, वो इस योजना के तहत आएगा, लेकिन 2011 के बाद गरीब की कैटेगरी आए लोग अभी इसमें शामिल नहीं किए गए हैं। जैसा कि सरकार दावा कर रही है कि कैशलेस और पेपरलेस इलाज मिलेगा।
आयुष्मान भारत में आपका नाम है या नहीं, ये जानने के तीन तरीके हैं। पहला तरीका है योजना की वेबसाइट, जिसका नाम है mera.pmjay.gov.in. इस वेबसाइट के होमपेज पर ही आपको ‘PM Jan Arogya Yojana’ का बॉक्स मिलेगा। इसमें आपको फोन नंबर डालना होगा। आपके फोन में OTP आएगा, जिसे वेबसाइट पर डालकर आप जान सकते हैं कि आपका नाम लिस्ट में है या नहीं।
दूसरा विकल्प है टोलफ्री फोन नंबर। आप 14555 पर फोन करके जान सकते हैं कि उनका नाम योजना में है या नहीं। इस नंबर पर आपसे कुछ जानकारियां मांगी जाएंगी, जो देने पर आपको अपनी पात्रता पता चलेगी। तीसरा तरीका है लिस्टेड हॉस्पिटल। जो भी सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल आयुष्मान भारत से जुड़े हैं, वहां आरोग्य मित्र रखे गए हैं। आप उनसे मिलकर पता कर सकते हैं कि आपका नाम योजना में है या नहीं।
6 - आरोग्य मित्र आपकी मदद कैसे करेंगे
आरोग्य मित्र आपसे राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या आधार कार्ड जैसे डॉक्युमेंट मांग सकते हैं। पहचान साबित होने के बाद अगर आपका नाम योजना में होगा, तो आपको एक ई-कार्ड दे दिया जाएगा। इसी कार्ड के ज़रिए आप कभी भी 5 लाख रुपए तक का इलाज करा सकते हैं। ई-कार्ड में आगे आपकी फोटो और नाम होगा और पीछे पता लिखा होगा। एक बार ई-कार्ड मिलने के बाद आपको इलाज के लिए कोई भी दूसरा डॉक्युमेंट दिखाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। जैसा प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आपको किसी रजिस्ट्रेशन की ज़रूरत नहीं होगी। ई-कार्ड काफी है. उसमें सारी जानकारी होगी और किसी कागज़ी कार्रवाई में पड़ने की ज़रूरत नहीं है। ’
प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि देशभर में तीन लाख कॉमन सर्विस सेंटर हैं, वहां से भी आप ये जानकारी ले सकते हैं। हॉस्पिटल में तैनात प्रधानमंत्री आरोग्य मित्रों के अलावा गांव में काम करने वाली आशा और ANM बहनों से भी आप मदद ले सकते हैं।
7 - कौन-कौन से और कितने अस्पतालों में योजना के तहत इलाज मिलेगा
केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को ये छूट दी है कि वो अपनी सहूलियत के हिसाब से इस योजना को अपने प्रदेश में लागू करें। तो अभी पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली, केरल, तेलंगाना और उड़ीसा जैसे कुछ राज्यों ने इसे लागू नहीं किया है। ये खुद की ऐसी ही योजना चाहते हैं या इन राज्यों में ऐसी कुछ योजनाएं पहले से चल रही हैं। लेकिन देश के 36 में से 29 राज्य ये योजना लागू करने को तैयार हो गए हैं। 445 जिलों से शुरू हो रही इस योजना में 13000 हॉस्पिटल शामिल हो चुके हैं। पीएम मोदी ने कहा कि जो हॉस्पिटल अच्छी सेवाएं देंगे, उन्हें सरकारी मदद भी मिलेगी। अगर आपके राज्य ने अभी तक योजना लागू नहीं की है, तो आप दूसरे राज्य में भी इसका फायदा उठा सकते हैं। 13 हज़ार अस्पतालों से शुरुआत के अलावा सरकार का लक्ष्य अगले चार साल में चार लाख हेल्थ ऐंड वेलनेस सेंटर बनाने का है, जिसमें जांच, इलाज और दवाई की सुविधा होगी।
8 - किन-किन बीमारियों का इलाज होगा
सरकार ने कहा है कि इस योजना के तहत करीब 1300 पैकेज हैं, जिनमें कैंसर सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन, बाइपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, रीढ़ की सर्जरी, दांतों की सर्जरी, आंखों की सर्जरी जैसे इलाज और MRI और CT स्कैन जैसी जांच शामिल हैं।
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